Sivana fort in hindi

Sivana fort in hindi

Sivana fort in hindi सिवाणा दुर्ग (गिरि दुर्ग), बाड़मेर

वर्तमान बाड़मेर जिले में स्थित छप्पन का पहाड़ (Mountain) नामक पर्वतीय क्षेत्र में स्थित सिवाणा का दुर्ग इतिहास प्रसिद्ध(history famous) है। इसे ‘अणखलों सिवाणों’ दुर्ग भी कहते हैं।

किले का नामसिवाणा दुर्ग, अणखलों सिवाणों, कूमट दुर्ग
स्थानबाड़मेर
निर्मातापरमार वंशीय वीरनारायण
निर्माण का समय954 ई.
किले की श्रेणीगिरि दुर्ग
विशेषता यह किला मालदेव (1531-81 ई.) के बुरे दिनों में आश्रय स्थल रहा

सिवाना दुर्ग का निर्माण

बाड़मेर जिले के सिवाना कस्बे में स्थित सिवाणा दुर्ग की स्थापना 954 ई. में परमार वंशीय वीरनारायण ने की थी। यह एक ऊंची हल्देश्वर की  पहाड़ी पर बसा हुआ है।

इसका प्रारम्भिक नाम कुम्थान था। यह राजस्थान के दुर्गों में वर्तमान में सबसे पुराना दुर्ग है।

इस पर कूमट नामक झाड़ी बहुतायत में मिलती थी जिससे इसे ‘कूमट दुर्ग’ भी कहते हैं। प्राचीन काल में इस तक पहुँचने का मार्ग अत्यंत दुर्गम था।

सिवाना दुर्ग का पहला साका

प्रथम साका 1308 ई. में सातलदेव व अलाउद्दीन के संघर्ष के दौरान हुआ

अल्लाउद्दीन खिलजी के काल में यह दुर्ग जालौर के राजा कान्हड़दे के भतीजे सातलदेव के अधिकार में था।

जब अल्लाउद्दीन जालौर पर आक्रमण करने के लिये रवाना हुआ तो सातलदेव ने उसका मार्ग रोका और कहलवाया कि जालौर पर आक्रमण बाद में करना, पहले सिवाणा से निपट ।

इस पर विवश होकर अलाउद्दीन खिलजी ने सिवाना का रुख किया। काफी परिश्रम एवं विपुल समय की बरबादी के बाद ही अलाउद्दीन खिलजी इस दुर्ग पर अधिकार कर पाया।

1308 ई. में अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने सिवाणा दुर्ग को जीतकर उसका नाम ‘खैराबाद’ रख दिया।

सिवाना दुर्ग राव मालदेव का आश्रय स्थल

राव मालदेव (Rao Maldev) ने गिरि सुमेल युद्ध (1544 ई.) के बाद शेरशाह की सेना द्वारा पीछा किए जाने पर सिवाणा दुर्ग में आश्रय लिया था।

राव चन्द्रसेन (Rao Chandrasen) ने मुगलों (अकबर) से युद्ध भी सिवाणा को केन्द्र बनाकर किया।

जोधपुर के राठौड़ नरेशों के लिये भी यह दुर्ग विपत्ति काल में शरण स्थलो के रूप में काम आता था।

 सिवाना दुर्ग में दर्शनीय स्थल

सिवाणा दुर्ग में कल्ला रायमलोत का थड़ा, महाराजा अजीतसिंह का दरवाजा, कोट, हलदेश्वर महादेव का मंदिर आदि दर्शनीय हैं।

सिवाना दुर्ग का दूसरा साका

द्वितीय साका वीर कल्ला रायमलोत व अकबर के संघर्ष के दौरान हुआ। कल्ला रायमलोत एवं सिवाणा गढ़ का जौहर 1648 विक्रमी  संवत में हुआ।

Sivana fort in hindi सिवाणा दुर्ग (गिरि दुर्ग), बाड़मेर

यह भी पढ़े:- भटनेर का दुर्ग

यह भी पढे़:- शिवाजी

यह भी पढे़:- राव चंद्रसेन

यह भी पढे़:- महाराणा सांगा

यह भी पढे़:- महाराणा कुम्भा

यह भी पढे़:- महाराणा प्रताप

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- हम्मीर देव चौहान (1282-1301 ई.)

यह भी पढे़:- बावड़ी

यह भी पढे़:- प्रकाश

यह भी पढे़:- पृष्ठ तनाव और श्यानता

यह भी पढे़:- सामान्य विज्ञान अध्ययन

यह भी पढे़:- ऊष्मा

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- उत्प्लावकता एवं आर्किमिडीज नियम

यह भी पढे़:- बल और गति

यह भी पढे़:- विद्युत का दैनिक जीवन में उपयोग

यह भी पढे़:- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण

यह भी पढे़:- बिजली

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- मूल राशियाँ एवं मात्रक

यह भी पढे़:- नाडौल के चौहान

यह भी पढे़:- आमेर का कच्छवाहा राजवंश

यह भी पढे़:- भीनमाल (जालौर) के प्रतिहार

यह भी पढे़:- मण्डौर के प्रतिहार 

यह भी पढे़:- गुर्जर प्रतिहार वंश

यह भी पढे़:- अलवर की रियासत

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- भरतपुर राज्य का जाट वंश

यह भी पढे़:- राजस्थान में प्राचीन सभ्यताओं के पुरातात्विक स्थल

यह भी पढे़:- सिरोही के चौहान

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- रणथम्भौर के चौहान

यह भी पढे़:- पृथ्वीराज तृतीय (पृथ्वीराज चौहान)

यह भी पढे़:- राजस्थान में चौहानों का इतिहास

यह भी पढे़:- जालौर के चौहान

यह भी पढे़:- राजस्थान में चौहानों का इतिहास-2

यह भी पढे़:- बापा रावल

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- राजस्थान की प्राचीन सभ्यता के स्थल

यह भी पढे़:- हाड़ौती के चौहान

यह भी पढे़:- राजस्थान में संग्रहालय

यह भी पढे़:- राजस्थान के किले

यह भी पढे़:- बावड़ी झील एवं बाग

यह भी पढे़:- राजस्थान का सामान्य ज्ञान

यह भी पढे़:- राजस्थान का इतिहास

Sivana fort in hindi

यह भी पढे़:- वैदिक साहित्य

यह भी पढे़:- सिन्धु घाटी सभ्यता

यह भी पढे़:- वैदिक सभ्यता

यह भी पढे़:- सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख पुरास्थल

यह भी पढे़:- भारत में नोबेल पुरस्कार विजेता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Gkandgs