Taragarh Fort Ajmer in Hindi
Taragarh Fort Ajmer in Hindi तारागढ़ (गिरि दुर्ग), अजमेर
अजमेर जिला शहर में स्थित अरावली की पहाड़ियों पर तारागढ़ दुर्ग के खण्डहर आज भी मौजूद हैं, तारागढ़ दुर्ग को गढ़ बीठली तथा अजयमेरु भी कहते हैं।
किले का नाम | तारागढ़ का किला, गढ़ बीठली, अजयमेरु |
स्थान | अजमेर |
निर्माता | अजयपाल चौहान |
निर्माण का समय | 1113 ई. |
किले की श्रेणी | गिरि दुर्ग |
विशेषता | गढ़ बीठली के नाम से मशहूर |
Table of Contents
तारागढ़ किले निर्माण
तारागढ़ दुर्ग का निर्माण अजयपाल चौहान ने 1113 ई. के लगभग करवाया था, और अजमेर नगर बसाया था। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 870 मीटर तथा घरातल से इसकी ऊंचाई 265 मीटर हैं।
ताराबाई
मेवाड़ के महाराणा रायमल के पुत्र पृथ्वीराज ने तारागढ़ दुर्ग में कुछ महल आदि बनवाये तथा तारागढ़ दुर्ग का नाम अपनी पत्नी ताराबाई के नाम पर तारागढ़ रख दिया।
तारागढ़ दुर्ग के छ: प्रवेशद्वार
तारागढ़ दुर्ग में प्रवेश करने के लिये काफी ऊंचाई तक घुमावदार रास्ता पार करना पड़ता है तथा एक-एक करके लक्ष्मण पोल, फूटा दरवाजा, बड़ा दरवाजा, भवानी पोल, हाथी पोल एवं इंद्र पोल नामक छः दरवाजे पार करने पड़ते हैं।
तारागढ़ दुर्ग की प्राचीर की बुर्जें
तारागढ़ दुर्ग की प्राचीर में 14 विशाल बुर्जें हैं जिनमें प्रमुख घूंघट, गूगड़ी तथा फूटी बुर्ज, नक्कारची की बुर्ज, शृंगार- चंवरी बुर्ज, आर पार का अत्ता, जानू नायक की बुर्ज, पीपली बुर्ज, इब्राहीम शहीद की बुर्ज, दोराई बुर्ज, बाँदरा बुर्ज, इमली बुर्ज, खिड़की बुर्ज और फतेह बुर्ज आदि हैं।
इन बुर्जों के अलावा सैय्यद बुर्ज और हुसैन बुर्ज उल्लेखनीय हैं।
तारागढ़ किले के अंदर स्थित जलाशय
तारागढ़ किले के भीतर पाँच बड़े जलाशय हैं, नाना साहब का झालरा, गोल झालरा ,इब्राहीम का झालरा और बड़ा झालरा हैं।
तारागढ़ का किला दुनिया का दूसरा जिब्राल्टर
तारागढ़ किला राजस्थान के लगभग केंद्र में स्थित है, अजमेर की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पर स्थित तारागढ़ दुर्ग को सन् 1832 में भारत के गवर्नर जनरल विलियम बैटिक ने देखा तो उनके मुंह से निकल पड़ा ओह दुनिया का दूसरा जिब्राल्टर, दुर्ग की अनूठी विशेषता उसके तोरणद्वार को ढकने वाली वर्तुलाकार दीवार है।
इतिहासकार हरबिलास शारदा ने ‘अखबार-उल-अखयार’ को उद्धृत करते हुए लिखा है कि तारागढ़ कदाचित भारत का प्रथम गिरि दुर्ग है।
घोड़े की मजार
तारागढ़ दुर्ग के भीतर संत मीरा साहब की दरगाह (मौर सैयद हुसैन खिंगसवार) एवं उसमें स्थित ‘घोड़े की मजार है।’
Taragarh Fort Ajmer in Hindi तारागढ़ (गिरि दुर्ग), अजमेर
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