ZAHIRUDDIN MUHAMMAD BABAR

ZAHIRUDDIN MUHAMMAD BABAR जहीरूद्दीन मुहम्मद बाबर

ZAHIRUDDIN MUHAMMAD BABAR

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जहीरूद्दीन मुहम्मद बाबर (1526-1530 ई.)

चगताई बाबर का कुटुम्ब तुर्की जाति के चगताई वर्ग के अंतर्गत था किन्तु बाबर स्वयं को मुगल ही मानता था ।

बाबर का जन्म कब हुआ

14 फरवरी, 1483 को फरगना में बाबर का जन्म हुआ,

बाबर के पिता का नाम क्या है

उमर शेख मिर्जा

बाबर की माता एवं दादी  का नाम क्या है

बाबर की माता का नाम कुतुलुग निगार खानम एवं दादी का नाम ऐसान दौलत बेगम था।

बाबर पिता की ओर से तैमूर का पाँचवा वंशज व मातृपक्ष की ओर से चंगेज खां का चौदहवाँ वंशज था ।

बाबर के चार पुत्र थे

हुमायूँ, कामराम, अस्करी तथा हिंदाल।

कलंदर

बाबर को कहा जाता है।

मिर्जा

1507 ई. में बाबर ने अपने पूर्वजों द्वारा धारण की गई यह उपाधि त्यागकर बादशाह (सम्राट) की पदवी धारण की।

आलम खाँ

इब्राहीम लोदी का सम्बंधी, दिल्ली के राजसिंहासन का दावेदार । बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिये आमंत्रित किया।

जहीरूद्दीन मुहम्मद बाबर द्वारा भारत पर पाँच बार आक्रमण किया गया

युसुफजाई

बाबर ने 1519 ई. के आरंभ में इस जाति के विरुद्ध प्रथम आक्रमण किया।

मुल्ला मुर्शीद

बाबर ने इन्हें अपना राजदूत बनाकर दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी के पास भेजा।

यूसुफ

बाबर का दूसरा आक्रमण सितम्बर, 1519 ई. में इस जाति के विरुद्ध हुआ ।

तीसरा आक्रमण

बाबर ने 1520 ई. में तीसरा आक्रमण कर बाजौर तथा भेरा, सियालकोट, कन्धार को विजित किया।

चौथा आक्रमण

बाबर द्वारा कन्धार के अभेद्य दुर्ग को विजित किया गया। 1524 ई. में पंजाब के सूबेदार दौलत खां ने इब्राहिम लोदी पर आक्रमण करने के लिए बाबर को भारत बुलाया।

पाँचवां आक्रमण

बाबर ने इब्राहिम लोदी के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया।

पानीपत का युद्ध (21 अप्रैल, 1526 ई.)

बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया, भारत में मुगल साम्राज्य की नींव डाली ।

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तुलगमा युद्ध पद्धति

सर्वप्रथम इस युद्ध में बाबर ने तुलगमा युद्ध पद्धति (जो उसने उजबेगों से सिखी थी) का सफल प्रयोग किया। बाबर ने यह युद्ध कला उज्बेकों से ग्रहण की।

 इस युद्ध में विजय के बाद काबुल के प्रत्येक निवासी को चांदी का एक-एक सिक्का प्रदान किया गया।

उत्तरी भारत में सर्वप्रथम तोप का प्रयोग

उत्तरी भारत में सर्वप्रथम तोप का प्रयोग 1526 ई. में बाबर ने किया।

दक्षिणी भारत में सर्वप्रथम तोप का प्रयोग

ज्ञातव्य है कि दक्षिणी भारत में सर्वप्रथम तोप का प्रयोग पुर्तगालियों ने किया।

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खानवा का युद्ध (17 मार्च, 1527 ई.)

खानवा (भरतपुर, राजस्थान) नामक स्थान पर यह युद्ध बाबर एवं राणा सांगा के मध्य हुआ जिसमें बाबर की विजय हुई। बाबर ने इस विजय के उपलक्ष्य में गाजी की उपाधि धारण की।

घाघरा का युद्ध (1529 ई.)

बाबर ने बंगाल के शासक नुसरत शाह व अफगान शासक महमूद लोदी को पराजित किया। इस युद्ध में तोपखानों एवं नावों का प्रयोग किया गया।

घाघरा का युद्ध बाबर का भारत में अंतिम युद्ध था।

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तुजुक -ए-बाबरी (बाबरनामा)

बाबर द्वारा तुर्की भाषा लिखी गई आत्मकथा ।

मीर खलीफा

बाबर द्वारा सृजित पद, प्रधानमंत्री के समान था।

 सहरते-आम

सार्वजनिक निर्माण विभाग (P. W.D.), बाबर द्वारा स्थापित ।

 शारूख, बाबरी

बाबर द्वारा प्रचलित सिक्कें ।

भारत में सर्वप्रथम ताश का प्रसार बाबर ने किया।

 बंदूकों का प्रयोग

बाबर ने यह कला ईरानियों से ग्रहण की।

प्रगतिशील घोड़ों का श्रेष्ठ संचालन बाबर ने तुर्कों से सीखा।

तोपखानों

कुस्तुनतुनिया के तुर्कों से बाबर ने विस्फोटक शस्त्रों का प्रयोग सीखा।

बाबर का मृत्यु कब हुई

जहीरूद्दीन मुहम्मद बाबर की मृत्यु 26 दिसम्बर, 1530 को हुई ।

बाबर का मृत शरीर पहले यमुना के किनारे आगरे के रामबाग में दफनाया गया किन्तु बाद में उसे काबुल में दफनाया गया।

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