राजस्थान की जलवायु
राजस्थान की जलवायु CLIMATE OF RAJASTHAN
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राजस्थान की जलवायु CLIMATE OF RAJASTHAN
- राजस्थान की जलवायु मुख्य रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क है, लेकिन क्षेत्रीय भिन्नताएँ हैं।
- गर्मियों में तापमान 45°C से 51°C तक हो सकता है, जबकि सर्दियों में 5°C से 25°C तक।
- मानसून जून से सितंबर तक होता है।
- औसत वर्षा 57.7 सेमी, लेकिन असमान वितरण।
- अरावली पर्वत श्रृंखला जलवायु को दो भागों में बाँटती है: पश्चिम शुष्क, पूर्व आर्द्र।
तापमान और ऋतुएँ
राजस्थान की जलवायु गर्म और शुष्क है।
गर्मियों में विशेष रूप से जब तापमान 45°C से 51°C तक पहुँच सकता है।
सर्दियाँ अपेक्षाकृत, ठंडी होती हैं, तापमान 5°C से 25°C तक रहता है।
मुख्य ऋतुएँ हैं: ग्रीष्म (मार्च-जून), मानसून (जून-सितंबर), और शीत (नवंबर-फरवरी)।
वर्षा और जलवायु क्षेत्र
मानसून के दौरान औसत वर्षा 57.7 सेमी है, लेकिन यह क्षेत्र के अनुसार भिन्न होती है। पश्चिमी भाग जैसे जैसलमेर में 10-20 सेमी, जबकि दक्षिण-पूर्वी भाग जैसे झालावाड़ में 80-100 सेमी तक हो सकती है। अरावली पर्वत श्रृंखला पश्चिम को शुष्क और पूर्व को आर्द्र बनाती है।
राजस्थान की जलवायु पर अरावली पर्वत श्रृंखला के प्रभाव
राजस्थान की जलवायु उत्तर-पश्चिमी भारत में इसकी भौगोलिक स्थिति और अरावली पर्वत श्रृंखला के प्रभाव के कारण मुख्य रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क है। यह जलवायु विभिन्न कारकों जैसे अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, ऊंचाई, और मौसमी पैटर्न द्वारा प्रभावित होती है। नीचे दी गई जानकारी विस्तृत विश्लेषण प्रदान करती है:
जलवायु का सामान्य अवलोकन
- राजस्थान की जलवायु शुष्क से अर्ध-आर्द्र मानसूनी जलवायु की श्रेणी में आती है। पश्चिमी भाग, विशेष रूप से थार मरुस्थल क्षेत्र, अत्यंत शुष्क है, जबकि पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी भागों में आर्द्रता अधिक है।
- अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान को दो जलवायु क्षेत्रों में विभाजित करती है: पश्चिम शुष्क और पूर्व आर्द्र। यह पर्वत मानसूनी हवाओं को पूरी तरह से अवरुद्ध नहीं करता, जिससे पश्चिमी क्षेत्रों में वर्षा छाया प्रभाव पड़ता है और वर्षा कम होती है।
- औसत वार्षिक तापमान 37-38°C है, और कर्क रेखा बांसवाड़ा जिले (कुशलगढ़) से होकर गुजरती है, जिससे 21 जून को यहाँ सीधी धूप पड़ती है।
तापमान और ऋतुएँ
- ग्रीष्म ऋतु (मार्च-मध्य जून): यह सबसे गर्म अवधि है।
- विशेष रूप से, मई-जून में, जब तापमान 45°C से 51°C तक पहुँच सकता है।
- पश्चिमी भागों जैसे फलौदी (जोधपुर जिला) में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है।
- दैनिक, तापमान भिन्नता, 49°C तक हो सकती है।
- शीत ऋतु (नवंबर-फरवरी): यह अवधि अपेक्षाकृत ठंडी होती है, तापमान 5°C से 25°C तक रहता है। दिसंबर और जनवरी सबसे ठंडे महीने हैं, और चूरू जिला सबसे ठंडा माना जाता है। माउंट आबू (सिरोही जिला) को “राजस्थान का शिमला” कहा जाता है, जहाँ गर्मियों में भी ठंडा मौसम रहता है।
- वार्षिक तापमान सीमा: 14°C से 17°C तक भिन्न होती है, जैसलमेर में सबसे अधिक दैनिक तापमान भिन्नता देखी गई है।
- मौसम वेधशाला जयपुर में 1875 में स्थापित हुई थी, जो 1947 में सांगानेर हवाई अड्डे पर स्थानांतरित हो गई। 1972 में जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र शुरू हुआ, जो कृषि, सिंचाई आदि के लिए मौसम सेवाएँ प्रदान करता है।
वर्षा और मानसून
- मानसून जून से सितंबर तक रहता है, और औसत वार्षिक वर्षा 57.7 सेमी है, लेकिन यह क्षेत्र के अनुसार 10 सेमी (जैसलमेर) से 100 सेमी (झालावाड़) तक भिन्न होती है।
- वर्षा का वितरण असमान है, और यह दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर घटती है। जुलाई में 34% और अगस्त में 33% वर्षा होती है।
- वर्षा
- सबसे अधिक वर्षा वाला जिला: झालावाड़ (100 सेमी), सबसे कम: जैसलमेर (10 सेमी)।
- सबसे अधिक, वर्षा वाला, स्थान:- माउंट आबू (120-140 सेमी),
- सबसे कम:- सम, जैसलमेर (5 सेमी)।
- औसत वर्षा वाले दिन:- 29, सबसे अधिक झालावाड़ (40 दिन), बांसवाड़ा (38 दिन), सबसे कम जैसलमेर (5 दिन)।
- मानसून तीन प्रकार के होते हैं:
- बंगाल की खाड़ी (सबसे अधिक वर्षा, पूर्व से प्रवेश, उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व को प्रभावित करता है)।
- अरब सागर (दक्षिण-पश्चिम से प्रवेश, अरावली के कारण कम वर्षा)।
- भूमध्यसागरीय (पश्चिम से प्रवेश, शीतकालीन वर्षा, मावठ कहलाता है, गेहूं के लिए लाभकारी, स्वर्ण बूंद कहलाता है)।
- पहला मानसून प्रवेश अरब सागर शाखा से होता है, और मानसून द्वार झालावाड़ और बांसवाड़ा हैं।
जलवायु क्षेत्र और वर्गीकरण
राजस्थान को विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में बाँटा गया है, जो वर्षा और आर्द्रता के आधार पर निम्नलिखित हैं:
जलवायु क्षेत्र | वर्षा (सेमी) | कवर क्षेत्र |
शुष्क जलवायु प्रदेश | 0-20 | जैसलमेर, उत्तर बाड़मेर, फलौदी, दक्षिण गंगानगर, अनूपगढ़, पश्चिमी भाग बीकानेर, जोधपुर |
अर्ध-शुष्क जलवायु प्रदेश | 20-40 | चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, दक्षिण बाड़मेर, बालोतरा, पूर्वी भाग बीकानेर, जोधपुर, पश्चिमी भाग पाली, जालोर, सीकर, नागौर, दीदवाना, कुचामन, झुंझुनू |
अर्ध-आर्द्र जलवायु प्रदेश | 40-60 | अलवर, जयपुर, अजमेर, पूर्वी भाग पाली, जालोर, नागौर, दीदवाना, कुचामन, झुंझुनू, उत्तर-पश्चिमी भाग दौसा, टोंक, केकड़ी, भीलवाड़ा, सिरोही |
आर्द्र जलवायु प्रदेश | 60-80 | दक्षिण-पूर्वी धौलपुर, भरतपुर, धौलपुर, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, उदयपुर, उत्तर-पश्चिमी सालुम्बर, दक्षिण-पूर्वी टोंक, चित्तौड़गढ़ |
अत्यधिक आर्द्र जलवायु प्रदेश | 80-100 | दक्षिण-पूर्वी कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, दूंगरपुर, दक्षिण-पूर्वी सालुम्बर, माउंट आबू |
- कोपेन वर्गीकरण:
- Aw (उष्ण आर्द्र – दूंगरपुर, सालुम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, दक्षिण चित्तौड़गढ़, झालावाड़), Bshw (अर्ध-शुष्क उष्ण – अरावली के पश्चिम),
- Bwhw (उष्ण शुष्क – जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनूपगढ़, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू के भाग),
- Cwg (अर्ध-आर्द्र – पूर्व और केंद्रीय राजस्थान)।
आर्द्रता और हवाएँ
- आर्द्रता सबसे कम अप्रैल में और सबसे अधिक अगस्त में होती है।
- हवाएँ मुख्य रूप से पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम से चलती हैं, गति सबसे अधिक जून में और सबसे कम नवंबर में होती है।
- गर्मियों में पश्चिम में कम दाब और पूर्व में अधिक दाब के कारण गर्म हवाएँ (लू) और धूल भरी तूफान (आंधी) आम हैं। सबसे अधिक धूल भरी तूफान श्रीगंगानगर (27 दिन) में और सबसे कम झालावाड़ (3 दिन) में देखी गई हैं।
- ओलावृष्टि मुख्य रूप से मार्च-अप्रैल में उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में, विशेष रूप से जयपुर में, होती है।
- सूखा और कृषि प्रभाव
- राजस्थान में सूखा और अकाल आम हैं, विशेष रूप से पश्चिमी भागों में, जहाँ वर्षा कम और अनिश्चित होती है।
- सूखा प्रकार:
- मौसमी: अपेक्षित वर्षा से 75% कम, गंभीर (>50% कम), मध्यम (25-50% कम), हल्का (<25% कम)।
- जलवैज्ञानिक: लंबे शुष्क काल के कारण नदियाँ और झीलें सूख जाती हैं।
- कृषि: फसलों के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी न होने के कारण, कम वर्षा के कारण।
- कृषि में सिंचाई पर निर्भरता अधिक है, जैसे लूनी नदी और इंदिरा गांधी नहर। जल संरक्षण के लिए परंपरागत तरीके जैसे तालाब, बावड़ी, और जोहड़ प्रचलित हैं। शुष्क जलवायु सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए अनुकूल है।
अन्य तथ्य
- माउंट आबू सबसे ठंडा और नम स्थान है, गर्मियों में भी ठंडा मौसम प्रदान करता है।
- जैसलमेर सबसे शुष्क जिला है, जबकि झालावाड़ सबसे नम है।
- मौसम की अनियमितता के कारण राजस्थान में कृषि और जल प्रबंधन चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सौर ऊर्जा के लिए यह आदर्श है।
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